उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के नवचयनित जूनियर इंजीनियरों को नियुक्ति एवं पद स्थापना पत्र वितरित किया। इस अवसर पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जनपदों में मौजूद सफल अभ्यर्थियों से संवाद भी किया।
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के नवचयनित जूनियर इंजीनियरों को नियुक्ति पत्रों का वितरण एवं सफल अभ्यर्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी https://t.co/a99rOBgJuR
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) November 12, 2020
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सम्मिलित जूनियर इंजीनियर (सिविल) परीक्षा के माध्यम से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के लिए 1,438 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियां उपलब्ध करा रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा अब तक 3 लाख से अधिक युवाओं को नौकरियां दी गयी हैं। आने वाले समय में भी मिशन रोजगार के तहत 3 लाख और युवाओं को नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का नामकरण जलशक्ति विभाग किया गया है। उ0प्र0 लोक सेवा आयोग द्वारा विभाग के लिए निष्पक्ष चयन तथा विभाग द्वारा चयनित अवर अभियन्ताओं का पारदर्शी पदस्थापन एक उपलब्धि है। गत वर्ष भी विभाग द्वारा लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 543 सहायक अभियन्ताओं का पारदर्शी ढंग से पदस्थापन किया गया था। जलशक्ति विभाग द्वारा अभियन्ताओं का निष्पक्ष चयन एवं पदस्थापन अन्य विभागों के लिए उदाहरण है। इस जनशक्ति से जलशक्ति विभाग की ताकत बढ़ेगी और विभाग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में मदद मिलेगी, जो लोककल्याण में सहायक होगा। उन्होंने सभी चयनित लोगों से घुस ना खाने और भ्रष्टाचार में लिप्त ना होने की शपथ भी दिलवाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलशक्ति विभाग एक बड़ा और महत्वपूर्ण विभाग है। इस विभाग के पास बड़ी जिम्मेदारी है। प्रदेश के प्रत्येक किसान को अधिकाधिक पैदावार प्राप्त करने हेतु पानी पहुंचाने के साथ ही वर्षा के समय बाढ़ से बचाव का कार्य जलशक्ति विभाग द्वारा किया जाता है। विगत 03 वर्षाें में जलशक्ति विभाग द्वारा उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गयी है। वर्तमान सरकार के पहले वर्ष में प्रदेश के 38 जनपद बाढ़ से प्रभावित हुए थे। इनमें व्यापक जन-धन की हानि हुई थी। उन्होंने कहा कि समय के साथ विभाग की कार्यपद्धति में निरन्तर बदलाव आया है। तकनीक का उपयोग करके ड्रेजिंग के माध्यम से कटान करने वाली नदियों को चैनलाइज किया गया है। इससे बाढ़ नियंत्रण में सफलता मिली। साथ ही, वर्षाें से लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया गया है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सिंचाई विभाग में अभियन्ताओं का निष्पक्ष चयन एवं पदस्थापन कराया गया। उन्होंने कहा कि जलशक्ति विभाग का कार्यक्षेत्र व्यापक है। इस पदस्थापन से विभाग का कार्य बेहतर होगा, जिसका लाभ किसानों सहित आम जनता को प्राप्त होगा।