बिहार के छपरा जिले के अमनौर धर्मपुरजाफर के रहने वाले सत्यम ने मुंबई की चकाचौंध और लाखों रुपए की नौकरी छोड़कर दूध का करोबार शुरू किया है। सत्यम अपने इस फैसले से काफी खुश भी है क्योंकि उनका मानना है कि वह अपने इस व्यवसाय से गाँव के सैकड़ों लोगों को रोजगार दे सकते हैं, जिससे बिहार से पलायन करने वाले युवाओं को मदद मिलेगी। उन्होंने एक वर्ष पहले ही डेयरी व्यवसाय को शुरू किया है।
सत्यम बताते हैं, “मैं एक साल से डेयरी चला रहा हूं। पढ़ाई करने के बाद मैंने सोच लिया था कि मुझे कुछ साल नौकरी करनी है उसके बाद मैं गाँव ऐसा बिजनेस शुरू करूंगा, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके।”
दिल्ली से एमबीए (फाइनेंस) करने के बाद सत्यम ने तीन साल मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। उन्हीं नौकरी से कमाएं पैसों से उन्होंने डेयरी का काम शुरू किया। अपनी डेयरी के बारे में सत्यम बताते हैं, “हमारी डेयरी में 10 गायें है जिनसे रोजाना 70 लीटर दूध होता है। इसको बाजार में 40 रुपए लीटर तक बेचते हैं। डेयरी में गायों के साथ बछड़े और बछिया भी हैं।”
बिहार के ज्यादातर युवा सरकारी नौकरी को अपना लक्ष्य मानते हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों में युवा अब उद्यम और व्यापार में रुचि लेने लगे हैं। सत्यम ने डेयरी शुरू करके अपने गाँव के युवाओं को एक अलग राह दिखाई है।
“ज्यादातर लोग बड़े शहरों में बिजनेस या नौकरी करते हैं लेकिन मेरा मानना है कि अगर गाँव में बिजनेस शुरू करें तो ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा साथ ही आपका मुनाफा भी बढ़ेगा। अभी लोग पंजाब, हरियाणा इसके अलावा कई राज्यों में नौकरी की तलाश में जाते हैं।जहां उनका शोषण भी होता है ऐसे में अगर हम जैसे युवा ऐसे रोजगार शुरू करे तो काफी हद तक इस रोका जा सकता है,” सत्यम ने बताया।
अपनी आगे की योजनाओं के बारे में सत्यम बताते हैं, “अपने गाँव से पलायन रोकने के लिए हमारी कोशिश है कि आने वाले समय में हम लोगों को रोजगार देंगे। रोजाना 10 हजार लीटर दूध का उत्पादन हो यह हमारा लक्ष्य है। इसमें हम आस-पास के किसानों को भी अपने साथ जोड़ेंगे। सही दाम पर दाम और अच्छी गुणवत्ता का दूध हम लोगों तक पहुंचाऐंगे। इस करोबार को आगे ही बढ़ाना है ताकि लोग अप गाँव न छोड़ें।”