सिर्फ़ मज़दूर नहीं, 23 लाख लोग जिनमें प्लंबर, इलेक्ट्रिशन, ब्यूटीशियन, जिम ट्रेनर, नर्स आदि शामिल हैं, पैदल, बसों में, ट्रेन में, ट्रकों के पीछे चढ़ कर महानगरों से उत्तर प्रदेश के अपने गांवों में वापस आ चुके हैं, और इस सवाल से जूझ रहे हैं- आगे क्या?
लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गांव-गांव जाकर लाखों लोगों की “स्किल मैपिंग” का देश में सबसे बड़ा महाभियान शुरू किया है,राजस्व विभाग द्वारा प्रवासियों के “स्किल” (हुनर) का डेटाबेस बनाया जा रहा है, जिसके बाद MSME (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम) विभाग द्वारा रोजगार, नौकरी दिलाने की कवायद होगी। पंचायत स्तर पर तेज़ी से होते ऑपरेशन में करीब 22 मई तक 875819 बाहर से लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
देश में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के बाद 24 मई तक अकेले उत्तर प्रदेश में 23 लाख से ज्यादा लोग दूसरे राज्यों से वापस आ चुके हैं। MSME विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने गाँव कनेक्शन को बताया, “दूसरे प्रदेशों में अपनी आजीविका खोने वाले दिहाड़ी मजदूरों, निर्माण श्रमिकों, ड्राइवरों, पेंटर, टेलर और प्लबंर से लेकर ब्यूटिशियन तक को अब राज्य में ही रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने महाभियान शुरू कराया है। यूपी के गांवों में हर व्यक्ति को गांव के स्कूलों और घरों में क्वारंटीन करने के साथ ही उसका डाटा जुटाया जा रहा है।”
ये रिपोर्ट आशा कार्यकत्री और ग्राम समितियों के जरिए सरकार तक पहुंच रही है। उत्तर प्रदेश भारत में प्रवासियों का गढ़ है। उत्तर प्रदेश के कामगार और श्रमिक देश की अर्थव्यवस्था चलाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद भूख और अनिश्चितता से बचकर लाखों प्रवासी अपने अपने राज्यों की ओर वापस जा रहे हैं। योगी सरकार ने इस हफ़्ते एक प्रवासी आयोग का गठन का ऐलान किया है, जो प्रवासियों से जुड़े मुद्दों पर योजना और क्रियान्वयन करेगा।
यूपी सरकार के मुताबिक प्रवासी कामगारों को राज्य स्तर पर बीमा का लाभ भी देने की कवायद चल रही है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने 24 मई को लखनऊ में कोरोना संकट से निपटने के लिए बनाई गई समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक के बाद कहा कि सरकार ऐसी योजना बना रही जिससे इन लोगों (वापस आने वाले लोगों) की जॉब सिक्योरिटी प्रदेश में ही सुनिश्चित की जा सके और इन्हें मजबूर हो कर अपने घर-परिवार से दूर नौकरी की तलाश में पलायन न करना पड़े।
इतना ही नहीं स्किल मैंपिंग के तहत सरकार इन लोगों के हुनर (स्किल) के मुताबिक भी अलग-अलग डाटा तैयार कर रही है। 17 मई तक यूपी में 2973 प्लंबर वापस आए थे। इसके साथ आने वालों में 9110 पेंटर, 5112 कारपेंटर, 1895 कुक, 3279 ड्राइवर और 54130 कंस्ट्रक्शन लेबर, 69112 बिना ट्रेड वाले (अतिरिक्त काम) समेत 64 ट्रेड में लोगों का डाटा एकत्र किया गया। आने वालों में 216318 अप्रशिक्षित (अनस्किड) श्रमिक-कामगार शामिल हैं।
ललितपुर के मुख्य विकास अधिकारी अनिल पांडे गांव कनेक्शन को बताते हैं, ” जिले में पलायन करके जो लौटे हैं उनमें बड़ी संख्या ऐसी है जो मनरेगा में काम नहीं करना चाहते। हम लोग प्रत्येक गांव स्तर पर बनी समतियों से उनकी स्किल मैंपिंग करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने निर्देशानुसार हमारी कोशिश है न सिर्फ इनके हुनर को पॉलिश किया जाए बल्कि स्किल के मुताबिक ही काम मिले, जिससे उन्हें दोबारा पलायन न करने पड़े।”